खाटू श्याम रथ यात्रा कब और कैसे निकलती है? - Khatu Shyam Rath Yatra

खाटू श्याम रथ यात्रा कब और कैसे निकलती है? - Khatu Shyam Rath Yatra, इसमें खाटू वाले श्याम बाबा के रथ पर सवार होकर नगर भ्रमण के बारे में जानकारी है।

Khatu Shyam Rath Yatra

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खाटू श्यामजी में प्रसिद्ध रथ यात्रा वार्षिक फागोत्सव यानी लक्खी मेले के दौरान होती है जिसमें बाबा श्याम को गाँव में चारों ओर भ्रमण के लिए ले जाया जाता है।

बाबा नीले घोड़े से सुसज्जित रथ पर सवार होकर शाही सवारी के रूप में खाटू नगरी की यात्रा करते हैं।

खाटू रथयात्रा किस दिन निकलती है? - On which day does Khatu Rath Yatra start?

ध्यान रहे कि बाबा श्याम केवल फाल्गुन के महीने में लक्खी मेले के समय शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन ही भक्तों को दर्शन देने के लिए रथयात्रा के रूप में नगर भ्रमण पर निकलते हैं।

पूरे वर्ष में सिर्फ एक यही दिन होता है जब आप बाबा श्याम के दर्शन मंदिर के बाहर भी कर सकते हो। इस दिन के अलावा बाकी सभी दिन श्रद्धालुओं को बाबा के दर्शन के लिए मंदिर में जाना पड़ता है।

खाटू रथयात्रा में रथ को क्यों छूते हैं? - Why do we touch the chariot in Khatu Rath Yatra?

इस रथ यात्रा में हजारों की संख्या में भक्तजन नाचते गाते, गुलाल उड़ाते चलते हैं। इस दौरान भक्तों में एक बार रथ को छूने की होड़ मची रहती है।

ऐसा माना जाता है कि रथयात्रा के दौरान रथ को छूने से बाबा का विशेष आशीर्वाद मिलता है और सभी बिगड़े काम बन जाते हैं।

किस रास्ते से निकलती है खाटू रथयात्रा? - From which route does the Khatu Rath Yatra start?


श्याम रथयात्रा मंदिर से शुरू होकर विभिन्न मार्गों से होती हुई पुन: मंदिर पहुँचती है। प्रशासन और श्याम मंदिर कमेटी आपसी सहमति से हर बार रथयात्रा का मार्ग तय करती है।


ज्यादातर यह यात्रा मंदिर से शुरू होकर अस्पताल चौराहे से होकर मुख्य बाजार में आती है।

रथयात्रा में क्यों लुटाते हैं खजाना? - Why do they give away the treasure during Rathyatra?


रथयात्रा में मंदिर में बना 56 भोग का प्रसाद भी भक्तों में बाँटा जाता है। इसे खजाना लुटाना कहा जाता है। रथयात्रा में खजाने के रूप में बाबा के इस प्रसाद को लेने की होड़ मची रहती है।

ध्यान रहे कि रथ यात्रा से पहले मंदिर कमेटी की तरफ से बाबा श्याम को 56 भोग अर्पित किए जाते हैं। 56 भोग मंदिर परिसर में ही तैयार करवाया जाता है।

भोग के लिए हर बार नए बर्तन खरीदे जाते हैं और भोग के बाद पुराने बर्तनों को भक्तों और जरूरतमंद लोगों में बाँट दिया जाता है।

खाटू श्याम रथयात्रा का वीडियो - Video of Khatu Shyam Rath Yatra



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इस लेख में दी गई जानकारी केवल शैक्षिक उद्देश्य के लिए है। इस जानकारी को विभिन्न ऑनलाइन एवं ऑफलाइन स्रोतों से लिया गया है जिनकी सटीकता एवं विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। आलेख की जानकारी को पाठक महज सूचना के तहत ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।
रमेश शर्मा

मेरा नाम रमेश शर्मा है। मैं एक रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट हूँ। मेरी क्वालिफिकेशन M Pharm (Pharmaceutics), MSc (Computer Science), MA (History), PGDCA और CHMS है। मुझे पुरानी ऐतिहासिक धरोहरों को करीब से देखना, इनके इतिहास के बारे में जानना और प्रकृति के करीब रहना बहुत पसंद है। जब भी मुझे मौका मिलता है, मैं इनसे मिलने के लिए घर से निकल जाता हूँ। जिन धरोहरों को देखना मुझे पसंद है उनमें प्राचीन किले, महल, बावड़ियाँ, मंदिर, छतरियाँ, पहाड़, झील, नदियाँ आदि प्रमुख हैं। जिन धरोहरों को मैं देखता हूँ, उन्हें ब्लॉग और वीडियो के माध्यम से आप तक भी पहुँचाता हूँ ताकि आप भी मेरे अनुभव से थोड़ा बहुत लाभ उठा सकें। जैसा कि मैंने आपको बताया कि मैं एक रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट भी हूँ इसलिए मैं लोगों को वीडियो और ब्लॉग के माध्यम से स्वास्थ्य संबंधी उपयोगी जानकारियाँ भी देता रहता हूँ। आप ShriMadhopur.com ब्लॉग से जुड़कर ट्रैवल और हेल्थ से संबंधित मेरे लेख पढ़ सकते हैं।

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श्याम बाबा की कृपा पाने के लिए कमेन्ट बॉक्स में - जय श्री श्याम - लिखकर जयकारा जरूर लगाएँ और साथ में बाबा श्याम का चमत्कारी मंत्र - ॐ श्री श्याम देवाय नमः - जरूर बोले।

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