खाटू श्याम जी के चमत्कारी मंत्र की महिमा - Khatu Shyam Mantra, इसमें खाटू श्याम के चमत्कारिक और महाशक्तिशाली महामंत्रों के बारे में जानकारी है।
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कहते हैं कि सच्चे मन से खाटू वाले बाबा श्याम का नाम लेने मात्र से ही व्यक्ति के कष्ट दूर हो जाते हैं, लेकिन अगर बाबा के नाम को सही ढंग और सही तरीके से लिया जाए तो आपकी अर्जी सीधे बाबा श्याम के दरबार में लग जाती है।
जिस तरह से भगवान राम के बारे में कहा जाता है कि राम से बड़ा राम का नाम, ठीक उसी तरह से खाटू वाले श्याम के लिए भी यही माना जाता है।
बाबा श्याम के नाम को भक्त इतना अधिक स्मरण करते हैं कि जब भी किसी का अभिवादन करना होता है, तो लोग हाय, हैलो की जगह, जय श्री श्याम बोलते हैं।
ये शाम नाम की ही महिमा है कि धार्मिक रूप से जय श्री श्याम को जय श्री राम से कम नहीं बोल जाता है। वैसे भी राम और श्याम दोनों, श्रीहरी विष्णु के ही तो अवतार हैं।
बाबा श्याम के दूसरे नाम - Other names of Baba Shyam
बाबा श्याम को उनके भक्त कई अलग-अलग प्रकार के नामों से पुकारते हैं। इन नामों मे से कुछ इस प्रकार हैं -
श्याम बाबा, तीन बाण धारी, लीले (नीले) का असवार, लखदातार, हारे का सहारा, शीश का दानी, मोरवीनंदन, खाटू वाला श्याम, खाटू नरेश, श्याम धनी, कलियुग का अवतार, दीनो का नाथ
श्याम का नाम लेने से घर में सुख समृद्धि के साथ-साथ जीवन में पोजीटिविटी आती है। जब बर्बरीक ने भगवान कृष्ण को अपने शीश का दान दिया था, तब कृष्ण ने उसे वरदान दिया था कि कलियुग में तुम्हारा नाम लेने मात्र से ही भक्तों के कष्ट दूर हो जाएंगे।
खाटू श्याम के मंत्र - Mantras of Khatu Shyam
बाबा श्याम के साथ-साथ बाबा से जुड़े कुछ ऐसे मंत्र भी हैं, जिनका जाप करने से जीवन में खुशहाली, सफलता और मन की सभी मुरादें पूरी हो जाती हैं।
बाबा श्याम के मंत्रों को श्याम मंत्र के नाम से जाना जाता है। इन मंत्रों का निरंतर जाप करने से आपके बिगड़े काम बनने लगते हैं यानी श्याम कृपा होने लगती है।
बाबा श्याम के ये मंत्र इस प्रकार हैं-
1. ॐ श्री श्याम देवाय नमः
2. ॐ मोर्वये नमः
3. ॐ मोर्वी नंदनाय नमः
4. ॐ शीशदानेश्वराय नमः
5. ॐ खाटूनाथाय नमः
6. ॐ सुहृदयाय नमो नमः
7. ॐ महाधनुर्धर वीर बर्बरीकाय नमः
8. ॐ श्याम शरणम् ममः
9. ॐ श्याम देवाय बर्बरीकाय हरये परमात्मने, प्रणतः क्लेशनाशाय सुहृदयाय नमो नमः
10. ॐ मोर्वी नंदनाय विद्महे श्याम देवाय धीमहि तन्नो बर्बरीक प्रचोदयात्
सफलता का श्याम मंत्र या खाटू श्याम का महाशक्तिशाली महामंत्र - Shyam mantra of success or the super powerful mantra of Khatu Shyam
इनमें से एक मंत्र तो ऐसा है जिसे "सफलता का श्याम मंत्र" या "खाटू श्याम का महाशक्तिशाली महामंत्र" कहा जाता है। ये मंत्र है "ॐ श्री श्याम देवाय नमः"।
ऐसा माना जाता है कि अगर सभी प्रयासों के बाद भी अगर आप सफल नहीं हो रहे हैं तो आपको इस मंत्र का जाप जरूर करना चाहिए।
खाटू श्याम का गायत्री मंत्र - Gayatri Mantra of Khatu Shyam
इन मंत्रों में से एक मंत्र को खाटू श्याम का गायत्री मंत्र कहा जाता है। ये मंत्र है "ॐ मोर्वी नंदनाय विद् महे श्याम देवाय धीमहि तन्नो बर्बरीक प्रचोदयात्"।
श्याम मंत्रों को जपने का सही तरीका - The right way to chant Shyam Mantras
इस कार्य के लिए मंत्रों का सही तरीके से यानी जैसा शास्त्रों में दिया हुआ है, उस तरीके से जाप करना चाहिए। सही विधि से बार-बार मंत्रों का जाप करने से धीरे-धीरे वो मंत्र सिद्ध होने लगता है।
मंत्र जाप के लिए मंत्र को एक तंत्र में लाना बहुत आवश्यक है यानी अपने ध्यान को मंत्र पर केंद्रित कर इसे अपने मन के अधीन करना। जब मंत्र, मन के अधीन होने लगता है, तब उसमें दैवीय शक्तियाँ आ जाती हैं यानी मंत्र सिद्ध हो जाता है।
मंत्र को जपने के लिए किसी तरह के आडंबर करने की कोई जरूरत नहीं है। आप इन मंत्रों को कभी भी जप सकते हो, लेकिन अगर आप इन्हें जपने के लिए थोड़े अनुशासन का पालन करते हो तो ये अधिक फलदाई होते हैं।
अगर आप सात्विक मन से किसी शांत जगह पर बैठकर रोजाना मंत्र का जाप करते हो, तो धीरे-धीरे आपका ध्यान इसकी तरफ केंद्रित होने लगता है और आप ध्यान योग में जाने लगते हो।
इस समय आपमें आत्मविश्वास बढ़ने लगता है। निराशा, आशा में बदलने लगती हैं जिससे आपका अपने जीवन के प्रति दृष्टिकोण बदलने लगता है। जैसा कि आप जानते है कि आशावादी और आत्मविश्वासी व्यक्ति ही सभी तरह से सफल हो पाता है।
अगर आप मंत्र का जाप सुबह कर रहे हो तो आपको ये जाप नहा धोकर या तो अपने घर के मंदिर मे या बाबा श्याम की फोटो के सामने बैठकर करना चाहिए।
इसके अलावा, आप किसी शांत जगह पर बाबा श्याम को स्मरण करते हुए भी मंत्र का जाप कर सकते हैं। मंत्र को अपनी इच्छानुसार जपें, लेकिन अगर आप 108 बार जपते हैं तो इसे और अधिक अच्छा समझा जाता है।
आपको यह बात विशेष रूप से ध्यान में रखनी है कि केवल मंत्र के जाप से कुछ नहीं होगा। मंत्र का जाप आपको अपनी पूरी श्रद्धा और आस्था के साथ करना है। अगर भगवान में श्रद्धा और आस्था नहीं होगी तो किसी भी मंत्र को जपना बेकार है।
आपको समझना होगा कि मंत्र को जपने का मतलब इसे सिद्ध करना है ताकि आपकी प्रार्थना सीधे भगवान तक पहुँचे। अगर आपकी प्रार्थना भगवान तक नहीं पहुँची, तो सब व्यर्थ है।
यहाँ आप इसे इस तरीके से समझ सकते हो कि भगवान राम मे सच्ची आस्था रखने से तो पत्थर भी पानी में तैरने लग गए थे और इन तैरते पत्थरों से लंका तक पुल बना लिया गया था।
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इस लेख में दी गई जानकारी केवल शैक्षिक उद्देश्य के लिए है। इस जानकारी को विभिन्न ऑनलाइन एवं ऑफलाइन स्रोतों से लिया गया है जिनकी सटीकता एवं विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। आलेख की जानकारी को पाठक महज सूचना के तहत ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।
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